भावान्तर भरपाई योजना का संक्षिप्त विवरण | |
योजना का नाम | भावांतर भरपाई योजना |
शुभारंभ किया | मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर जी ने |
दिनांक | 01 जनवरी 2018 |
लाभार्थी | हरियाणा राज्य के किसान |
योजना का उद्देश्य | कृषि में विविधिकरण के लिए किसानों को प्रोत्साहित करना। |
आवेदन की प्रक्रिया | ऑनलाइन |
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किसान भाइयों को हमारा नमस्कार, हम सभी जानते है कि हमारा देश कृषि प्रधान देश है हमारे देश की अर्थव्यवस्था में कृषि की लगभग 11-13 प्रतिशत का योगदान है जो कभी आजादी के समय 51 प्रतिशत तक हुआ करता था। आज हमारा देश तेजी से विकास कर रहा है। लेकिन किसानों के जीवन में समय के अनुसार बदलाव देखने को नहीं मिला। जिसके कारण आज हालात ऐसे है कि किसी भी किसान का बेटा अब किसान नहीं बनना चाहता है , क्योकि छोटे किसान का कृषि से मुनाफा कमाना तो दूर की बात है वे अपना घर खर्च भी अच्छे से नहीं चला पाते है।
अब सरकार किसानों की हितकारी योजनाए लेकर इस तबके को ऊपर उठाने लिए तेजी से प्रयास कर रही है। सरकार ने 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य रखा है। इसकी को पूरा करने तथा किसानों के हालातों में सुधार करने के लिए हरियाणा सरकार ने “मेरी फसल – मेरा ब्यौरा योजना” व “भावान्तर भरपाई योजना” को शुरू किया है जहाँ किसान ऑनलाइन माध्यम से पंजीकरण करके अपनी उपज के अच्छे दाम ले सकते है
हरियाणा सरकार ने “Bhavantar Bharpai Yojana” उन किसानों के लिए शुरू किया गया है जो किसान सब्जियों का उत्पादन करते है, जिनका उल्लेख निचे किया गया है । सब्जिओं को बेचने के पश्चात किसानों को किसी प्रकार का घाटा न हो, उन्हें अपनी फसल का अच्छा मूल्य मिल सके ताकि हरियाणा के किसानों की आमदनी बढे तथा उनके जीवन स्तर में सुधार लाया जा सके। इसके साथ ही प्रदेश के किसानों को सब्जिओं की फसल के प्रति प्रेरित करने के उद्देश्य से भावान्तर भरपाई योजना को शुरू किया गया है।
आज हम इस लेख के माध्यम से हमारे सभी हरियाणा निवासी अन्नदाता किसान भाइयों को “Bhavantar Bharpai Yojana” के बारे में सम्पूर्ण जानकारी प्रदान करेंगे। इस लेख में हम आपको भावान्तर भरपाई योजना की शुरुआत कब और किसके द्वारा कहाँ से की गई से लेकर, फसल पंजीकरण और उनके निर्धारित किये गए मूल्य और अभी हाल ही में भावान्तर भरपाई योजना में जोड़ी गई फसलों की जानकारी दी जाएगी। इसी के साथ परीक्षा की दृष्टि से हरियाणा की सभी परीक्षाओं में भावान्तर भरपाई योजना से सम्बंधित पूछे जाने वाले प्रश्नों को कवर किया जाएगा।
भावान्तर भरपाई योजना के शुरू करने से पहले हरियाणा में सब्जिओं की खेती करने वाले किसानों को ज्यादा मुनाफा नहीं होता था। कई बार तो उन्हें अपनी फसल का लागत मूल्य भी प्राप्त नहीं होता था, और अपनी फसल को सस्ते दामों पर बेचने को बज़बूर थे। जिसके कारण किसान परम्परागत रूप से होती आ रही फसल को ज्यादा करते थे। हरियाणा सरकार ने किसानो की इन समस्याओं को हल करने के लिए प्रदेश में Bhavantar Bharpai Yojana को शुरू किया। जिसके फलस्वरूप किसान के जीवन स्तर में सुधार हुआ है। अब किसान एक दूसरे से प्रेरित होकर सब्जिओं की फसल करने लगे है। जिससे हरियाणा में सब्जिओं का उत्पादन लगातार बढ़ रहा है।
Bhavantar Bharpai Yojana Haryana
* “भावान्तर भरपाई योजना” की शुरुआत कब, कहाँ और किसके द्वारा की गई ?
- भावान्तर भरपाई योजना का शुभारम्भ 30 दिसंबर 2017 को हरियाणा के मुख्यमंत्री माननीय “श्री मनोहर लाल खट्टर जी” के द्वारा सीएम सिटी करनाल के “गांगर” नामक गाँव से की गई , तत्पश्चात 01 जनवरी 2018 को यह योजना पुरे हरियाणा के किसानों के लिए लागू कर दिया गया।
- जैसा कि इस योजना के नाम से ही स्पष्ट हो जाता है कि भावान्तर = भाव + अंतर अर्थात किसानों को अपनी फसल भेजते समय निर्धारित फसल रेट से कम मूल्य मिलने पर किसानों को हुयी धन हानि की भरपाई हरियाणा सरकार करेगी। इस योजना के माध्यम से किसानों को उनकी फसल के मुआवजे के तौर पर प्रोत्साहन धनराशि प्रदान की जाती है। जो किसान अपनी सब्जिओं को मार्किट में निर्धारित मूल्य से कम मूल्य पर बेच देते है।
* भावान्तर भरपाई योजना के प्रमुख उद्देश्य क्या है ?
*What is The Main Objective of Bhavantar Bharpai Yojana?
हरियाणा के वे किसान जो सरकार द्वारा भावान्तर भरपाई योजना के तहत शामिल की गई सब्जिओं व फलों की खेती करते है और BBY ई -पोर्टल पर अपना रजिस्ट्रेशन कर चुके है वे किसान Bhavantar Bharpai Yojana योजना का लाभ उठा सकते है। भावान्तर भरपाई योजना के मुख्य उद्देश्य इस प्रकार है –
- किसानों को फल व सब्जिओं की खेती करने के लिए प्रेरित व सब्जी विक्रय करने पर होने वाले जोखिमों को कम करना।
- बागवानी करने वाले किसानों के द्वारा फसल बेचने पर होने वाले घाटे को मुनाफ़े में बदलना। जिससे वे किसान सब्जिओं व फलों की खेती करके और अच्छा मुनाफ़ा कमा सकें।
- मंडी में किसानों को निर्धारित समर्थन मूल्य से कम कीमत पर अपनी फसल बेचने पर नुकसान न उठाना पड़े , इसके लिए इसकी भरपाई करना।
- प्रदेश में किसानों को बागवानी करने के लिए प्रोत्साहित करना व फल सब्जियों की खेती को बढ़ावा देना।
- यह सुनिश्चित करना कि सरकार द्वारा 2022 तक किसानों को दुगुनी करने का लक्ष्य पूरा किया जाये। जिससे किसानों की वर्तमान दशा में तेजी से सुधार लाया जा सके।
- सरकार द्वारा चिन्हित फल व सब्जिओं के मूल्य का निर्धारण करना।
* भावान्तर भरपाई योजना की मुख्य विशेषताएं क्या है ?
* What Are The Main Features of Bhavantar Bharpai Yojana?
- भावान्तर भरपाई योजना केवल हरियाणा के किसानों के लिए चलाई गई है। और Bhavantar Bharpai Yojana योजना के लाभ के पात्र वही किसान होंगे जो निचे दी गयी पंजीकरण की प्रक्रिया को पूरा कर लेते है।
- योजना का उद्देश्य बागवानी करने वाले काश्तकारों को फसल बेचते समय होने वाले जोखिमों को कम करना व किसानों को हुए नुकसान की भरपाई करना।
- भावान्तर भरपाई योजना के तहत पहले से निर्धारित की गई चार फसलों (आलू , प्याज, टमाटर एवं फूलगोभी) पर किसानों की 48,000 /- रूपये से लेकर 56,000/- रुपये तक प्रति एकड़ के हिसाब से आमदनी सुनिश्चित करना है।
- Bhavantar Bharpai Yojana के अंतर्गत उपरोक्त चारों सब्जिओं के लिए उनके मूल्य का निर्धारण करना।
- यदि किसी पोर्टल पर पंजीकृत किसान ने निर्धारित मूल्य से कम मूल्य पर अपनी फसल बेच दी है तो मंडी में निर्धारित समय अवधि के अंदर आधिकारिक वेबसाइट पर BBY ई – पोर्टल के जरिये पंजीकृत किसानों फसल के प्रति एकड़ के संरक्षित मूल्य तक के भाव के अंतर की भरपाई 15 दिनों के अंदर सरकार के द्वारा की जाएगी।
- भावान्तर भरपाई योजना के लाभ के पात्र हरियाणा निवासी भूमि मालिक , पट्टेदार किसान या खेत को किराये पर लेकर खेती करने वाले काश्तकार किसान होंगे।
* हरियाणा भावान्तर भरपाई योजना के लाभ
* Benefits of Haryana Bhavantar Bharpai Yojana
- भावान्तर भरपाई योजना हरियाणा सरकार द्वारा बागवानी करने वाले किसानों के लिए चलाई गई है। जिसके लाभ के पात्र वे किसान होंगे जो इस योजना में शामिल की गई सब्जिओं व फलों की खेती करते है।
- जो किसान Bhavantar Bharpai Yojana की सभी पात्रताओं को पूरा करते है वे अपने मोबाइल या किसी नजदीकी साइबर कैफ़े में जाकर अपना रजिस्ट्रेशन कर इस योजना का लाभ उठा सकते है।
- जो किसान BBY ई – पोर्टल पर अपना रजिस्ट्रेशन करवा चुके है और उन्हें मंडी में अपनी फसल बेचने पर भावान्तर भरपाई योजना के अंतर्गत निर्धारित मूल्य से कम मूल्य मिला है उनके भाव के अंतर की भरपाई हरियाणा सरकार मुवावजे के तौर पर प्रोत्साहन राशि के रूप में करेगी।
- भावान्तर भरपाई योजना के फलस्वरूप बागवानी करने वाले किसानों की आमदनी बढ़ेगी। किसानों के जीवन स्तर में सुधार होगा। और सरकार द्वारा 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य पूरा हो सकेगा।
- इस योजना से किसानों में बागवानी (फलों व सब्जिओं की फसल ) करने के प्रति उनके अंदर नए उत्साह का संचार हुआ है। अब हरियाणा में में पहले के मुकाबले ज्यादा सब्जिओं व फलों की खेती होने लगी है। जिसके फलस्वरूप हरियाणा में सब्जिओं का उत्पादन तेजी से बढ़ रहा है।
- भावान्तर भरपाई योजना का लाभ उठाने के लिए किसानों को ऑनलाइन पोर्टल पर जाकर अपना रजिस्ट्रेशन करना होगा। इसके बाद आपके नजदीकी उद्यान विभाग के अधिकारी द्वारा पंजीकृत किसानों का क्षेत्र प्रमाणीकरण किया जायेगा। प्रमाणित क्षेत्र से असंतुष्ट होने की दशा में किसान अपनी अपील दायर कर सकते है।
- किसानों को अपनी फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य मिलने से उन्हें अपनी फसल कर कीमत बेचनी नहीं पड़ेगी। यदि ऐसा होता है तो वे जे – फॉर्म भरकर BBY ई-पोर्टल पर अपलोड कर सकते है जिसके 15 दिनों के अंदर किसान को हुए घाटे की भरपाई हरियाणा सरकार करेगी।
- हरियाणा सरकार के द्वारा Bhavantar Bharpai Yojana के अंतर्गत 19 प्रकार की फसलों को शामिल किया गया है। जो इस प्रकार है – किन्नू, आम, अमरुद, मूली, लहसुन, पत्ता गोभी, हल्दी, करेला, लौकी, मिर्च, भिंडी, बैंगन, शिमला मिर्च, मटर , गाजर , फूलगोभी, टमाटर, प्याज और आलू।
- योजना का लाभ लेने के लिए किसान का पंजीकरण होना आवश्यक है तथा आधार कार्ड से लिंक्ड बैंक अकाउंट होना चाहिए। आवेदन पोर्टल पर उपरोक्त फसलों के आवेदन करने की समय सीमा कर विवरण दिया गया है जिसके अनुसार यदि आप रजिस्ट्रेशन करने में असफल रहते है तो इस योजना का लाभ नहीं उठा पाएंगे।
- उत्पादक किसान को हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड की मंडियों में निर्धारित फसल बिक्री समय अवधि के अंदर अपनी फसल बेचनी होगी। मंडी में फसल बेचते समय फसल की बिक्री जे – फॉर्म पर की जानी चाहिए। यह फॉर्म BBY ई-पोर्टल पर अपलोड किया जायेगा। तत्पश्चात ही फसल की क्षतिपूर्ति की जाएगी।
- भावान्तर भरपाई योजना का प्रमुख लक्ष्य हरियाणा के किसानों को कृषि विविधता को बढ़ावा देने के लिए उन्हें प्रोत्साहित करना है। और प्रदेश में निर्धारित की गई फसलों का उत्पादन बढ़ाना है।
योजना में शामिल फसलें, संरक्षित मूल्य व निर्धारित उत्पादन | |||
सब्जिओं के संरक्षित मूल्य एवं निर्धारित उत्पादन | |||
क्रं संख्या | फसल | संरक्षित मूल्य | निर्धारित उत्पादन |
1. | आलू | 500 रुपये / क्विंटल | 120 क्विंटल /एकड़ |
2. | प्याज | 650 रुपये / क्विंटल | 100 क्विंटल /एकड़ |
3. | टमाटर | 500 रुपये / क्विंटल | 140 क्विंटल /एकड़ |
4. | फूलगोभी | 750 रुपये / क्विंटल | 100 क्विंटल /एकड़ |
5. | गाजर | 700 रुपये / क्विंटल | 100 क्विंटल /एकड़ |
6. | मटर | 1100 रुपये / क्विंटल | 50 क्विंटल /एकड़ |
7. | शिमला मिर्च | 900 रुपये / क्विंटल | 80 क्विंटल /एकड़ |
8. | बैंगन | 500 रुपये / क्विंटल | 110 क्विंटल /एकड़ |
9. | भिन्डी | 1050 रुपये / क्विंटल | 70 क्विंटल /एकड़ |
10. | मिर्च | 950 रुपये / क्विंटल | 70 क्विंटल /एकड़ |
11. | लौकी | 450 रुपये / क्विंटल | 110 क्विंटल /एकड़ |
12. | करेला | 1350 रुपये / क्विंटल | 40 क्विंटल /एकड़ |
13. | हल्दी | 1400 रुपये / क्विंटल | 80 क्विंटल /एकड़ |
14. | पत्ता गोभी | 650 रुपये / क्विंटल | 100 क्विंटल /एकड़ |
15. | लहसुन | 2300 रुपये / क्विंटल | 50 क्विंटल /एकड़ |
16. | मूली | 450 रुपये / क्विंटल | 100 क्विंटल /एकड़ |
फलों के संरक्षित मूल्य एवं निर्धारित उत्पादन | |||
क्रं संख्या | फसल | संरक्षित मूल्य | निर्धारित उत्पादन |
17. | अमरूद | 1300 रुपये / क्विंटल | 70 क्विंटल /एकड़ |
18. | आम | 1950 रुपये / क्विंटल | 50 क्विंटल /एकड़ |
19. | किन्नू | 1100 रुपये / क्विंटल | 104 क्विंटल /एकड़ |
* हरियाणा भावांतर भरपाई योजना के आवेदन हेतु जरुरी दस्तावेज़ एवं पात्रता
* Documents and Eligibility Required for Application of Haryana Bhavantar Bharpai Yojana
- Bhavantar Bharpai Yojana के अंतर्गत लाभ के पात्र केवल हरियाणा के किसान होंगे।
- आवेदनकर्ता हरियाणा का स्थायी निवासी होना अनिवार्य है।
- आवेदन करने वाले किसान के पास निम्न में से कोई एक पहचान पत्र होना चाहिए , जैसे – चुनाव पहचान पत्र ,ड्राइविंग लाइसेंस ,आधार कार्ड और पासपोर्ट।
- किसान का पासपोर्ट आकार का फोटो होना चाहिए।
- बैंक खाते का विवरण के लिए बैंक पासबुक के पहले पेज की कॉपी तथा बैंक अकाउंट का किसान के आधार कार्ड से लिंक होना चाहिए।
- बिजाई की गई फसल का विवरण , जैसे – योजना का नाम , बोई गई फसल का नाम , बिजाई किये गए क्षेत्र की जानकारी (एकड़ में ) , खसरा और किला नंबर की जानकारी देनी होगी।
- किसान किस वर्ग से सम्बंधित है जैसे – स्वयं जमीन का मालिक ,कास्तकार और पट्टेदार या फिर संयुक्त।
पंजीकरण, सत्यापन एवं अपील तथा बिक्री हेतु समय तालिका | |||||
सब्जिओं के लिए समय अवधि | |||||
क्रं संख्या | फसल | पंजीकरण अवधि | सत्यापन अवधि | अपील अवधि | बिक्री अवधि |
1. | आलू | 15 सितंबर – 31 अक्तूबर | 30 नवम्बर तक | 15 दिसम्बर तक | 1 दिसम्बर – 31 मार्च |
2. | प्याज | 15 दिसम्बर – 15 फरवरी | 15 मार्च तक | 25 मार्च तक | 1 अप्रैल – 31 मई |
3. | टमाटर | 15 दिसम्बर – 15 फरवरी | 15 मार्च तक | 25 मार्च तक | 1 अप्रैल- 15 जून |
4. | फूलगोभी | 15 सितंबर – 31 अक्तूबर | 30 नवम्बर तक | 15 दिसम्बर तक | 1 दिसम्बर – 31 मार्च |
5. | गाजर | 1 अक्तूबर – 30 नवम्बर | 15 दिसम्बर तक | 31 दिसम्बर तक | 1 दिसम्बर – 28 फ़रवरी |
6. | मटर | 1 अक्तूबर – 30 नवम्बर | 15 दिसम्बर तक | 31 दिसम्बर तक | 1 दिसम्बर – 28 फ़रवरी |
7. | शिमला मिर्च | 10 फरवरी – 15 मार्च | 31 मार्च तक | 15 अप्रैल तक | 15 अप्रैल – 30 जून |
8. | बैंगन | 10 फरवरी – 15 मार्च | 31 मार्च तक | 15 अप्रैल तक | 15 अप्रैल – 30 जून |
9. | भिन्डी | 1 फरवरी – 31 मार्च | 31 मार्च तक | 15 अप्रैल तक | 15 अप्रैल – 30 जून |
10. | मिर्च | 1 फरवरी – 31 मार्च | 31 मार्च तक | 15 अप्रैल तक | 15 अप्रैल – 30 जून |
11. | लौकी | 1 फरवरी – 31 मार्च | 31 मार्च तक | 15 अप्रैल तक | 15 अप्रैल – 30 जून |
12. | करेला | 1 फरवरी – 31 मार्च | 31 मार्च तक | 15 अप्रैल तक | 15 अप्रैल – 30 जून |
13. | हल्दी | 1 जून – 31 जुलाई | 15 अगस्त तक | 15 अगस्त तक | 1 अप्रैल – 30 अप्रैल |
14. | पत्ता गोभी | 1 अक्तूबर – 30 नवम्बर | 30 नवम्बर तक | 15 दिसम्बर तक | 1 दिसम्बर – 31 मार्च |
15. | लहसुन | 1 अक्तूबर – 30 नवम्बर | 30 नवम्बर तक | 15 दिसम्बर तक | 1 अप्रैल – 15 मई |
16. | मूली | 1 अक्तूबर – 30 नवम्बर | 30 नवम्बर तक | 15 दिसम्बर तक | 1 दिसम्बर – 31 मार्च |
फलों के लिए समय अवधि | |||||
क्रं संख्या | फसल | पंजीकरण अवधि | सत्यापन अवधि | अपील अवधि | बिक्री अवधि |
17. | अमरूद | 15 अप्रैल – 15 मई | 15 जून तक | 30 जून तक | 1 जुलाई – 31 अगस्त |
18. | आम | 1 मार्च – 15 मई | 15 मई तक | 31 मई तक | 15 जून – 31 अगस्त |
19. | किन्नू | 1 सितंबर – 30 नवम्बर | 15 दिसम्बर तक | 31 दिसम्बर तक | 1 दिसम्बर – 28 फरवरी |
* हरियाणा भावान्तर भरपाई योजना पंजीकरण हेतु दिशा निर्देश
* Guidelines for Registration of Haryana Bhavantar Bharpai Yojana
सभी किसान भाई आवेदन करने से पूर्व निचे दिए गए सभी जरुरी दिशा निर्देश जरूर पढ़ लें, जिससे आपको Bhavantar Bharpai Yojana का लाभ लेने के लिए पंजीकरण करते समय किसी समस्या का सामना न करना पड़े और आपका पंजीकरण सफलतापूर्वक पूर्ण हो जाएँ। अन्यथा आप Bhavantar Bharpai Yojana के लाभ से वंचित रह सकते है।
- भावान्तर भरपाई योजना के अंतर्गत लाभ लेने किसानों को फसल बिजाई अवधि दौरान ही मार्केटिंग बोर्ड की वेबसाइट पर बागवानी भावान्तर योजना (BBY) ई-पोर्टल के द्वारा पंजीकरण करना अनिवार्य है।
- पंजीकरण की सुविधा मार्किटिंग बोर्ड/ बागवानी विभाग/सर्व सेवा केंद्र/ई-दिशा केंद्र/कृषि विभाग और इन्टरनैट कियोस्क पर उपलब्ध है जहाँ अपनी फसल की बिजाई के समय ही पंजीकरण करवा ले।
- सरकार द्वारा BBY योजना में शामिल फसलों के पंजीकरण पर निःशुल्क सुविधा उपलब्ध कराई गई है। तथा पंजीकरण के लिए पोर्टल निर्धारित समय तक ही खुला रहेगा। इसके बाद कोई आवेदन स्वीकार नहीं किये जायेंगे। तथा किसान Bhavantar Bharpai Yojana के लाभ से वंचित रह सकते है।
- किसानों द्वारा सफलतापूर्वक पंजीकरण करने के पश्चात उद्यान विभाग के अधिकारी द्वारा फसली क्षेत्र का प्रमाणीकरण किया जायेगा। यदि किसान उद्यान विभाग द्वारा किये गए प्रमाणीकरण से असंतुष्ट है तो वे प्रमाणीकरण के विरुद्ध अपील दायर कर सकते है।
- फसल का पंजीकरण , सत्यापन , सत्यापन के विरुद्ध अपील दायर करने व बिक्री करने की अवधि का निर्धारण ऊपर दर्शायी गई समय तालिका के अनुसार किया गया है।
* भावान्तर भरपाई योजना ऑनलाइन पंजीकरण प्रक्रिया
* Online Registration Process for Bhavantar Bharpai Yojana
हरियाणा के जो किसान भावान्तर भरपाई योजना हेतु आवश्यक सभी शर्तो को पूरा करते है तो वे ऑनलाइन माध्यम से आधिकारिक पोर्टल पर अपना आवेदन कर सकते है आप हमारे द्वारा बताये गए पंजीकरण के सभी आसान चरणों को पूरा करके भी आवेदन सकते है। पंजीकरण की प्रक्रिया इस प्रकार है –
- पंजीकरण के लिए आवेदकों को Bhavantar Bharpai Yojana के आधिकारिक वेबसाइट बागवानी योजना पोर्टल पर विजिट करना होगा। वेबसाइट पर आपके सामने होमपेज ओपन होगा।
- यहाँ आपको “किसान पंजीकरण करें ” लिखा हुआ दिखाई देगा, उस पर क्लिक करें
- अब आपके सामने नई विंडो खुलेगी जिसमें किसान अपने जिले का चुनाव करें और किसान का विवरण , भूमि का विवरण , बैंक का विवरण दर्ज करें।
- अगले चरण में जाने से पहले फॉर्म में भरी गयी जानकारी को अच्छे से पढ़ लें। और सब ठीक होने पर आगे बढ़े।
- इसके बाद “सेव बटन” पर क्लिक करें।
- अब आपसे मांगे गए सभी जरुरी दस्तावेजों को अपलोड करें
- तत्पश्चात “सबमिट बटन” पर क्लिक करने पर पंजीकरण पूर्ण हो जायेगा।
* पंजीकृत किसान का विवरण कैसे देखें ?
* How to See the Details of Registered Farmer?
- पंजीकृत किसान का विवरण जानने के लिए आवेदकों को Bhavantar Bharpai Yojana के आधिकारिक वेबसाइट बागवानी योजना पोर्टल पर विजिट करना होगा। वेबसाइट पर आपके सामने होमपेज ओपन होगा।
- यहाँ आपको “पंजीकृत किसान विवरण ” लिखा हुआ दिखाई देगा, उस पर क्लिक करें
- अब आपके सामने एक नया पेज खुलेगा जिसमें “किसान क्रमांक या मोबाइल नंबर या आधार कार्ड का नंबर” में से कोई एक दर्ज करें।
- अंततः “Go” पर क्लिक करें। इसके बाद किसान के आवेदन की जानकारी देख सकते हैं।
* प्रोत्साहन राशि के वितरण की प्रक्रिया
* Procedure for Distribution of Incentives
- भावान्तर भरपाई योजना तहत प्रोत्साहन राशि का लाभ लेने के लिए किसानों को हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड में निर्धारित की बिक्री समय अवधि के अंदर अपनी फसल जे -फॉर्म पर करनी अनिवार्य है।
- किसानों द्वारा जे फॉर्म पर अपनी फसल को बेचने के पश्चात उसका विवरण BBY ई-पोर्टल पर अपलोड करना होगा। जिसके लिए हर एक सम्बंधित मार्किट कमेटी के कार्यालय में ये सुविधा उपलब्ध कराई गई है।
- यदि किसानों को उनकी फसल बिक्री की समय अवधि के दौरान फसल का संरक्षित मूल्य से कम भाव मिलता है तो किसान भाव के अंतर की भरपाई के लिए दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि के लिए पात्र होंगे।
- किसान के द्वारा जे – फॉर्म पर बेची गई फसल अन्यथा निर्धारित उत्पादित फसल प्रति एकड़ में से जो भी कम होगा, उसकी भाव के अंतर से गुना करने पर प्राप्त राशि को प्रोत्साहन राशि के रूप में प्रदान की किया जायेगा।
- जे फॉर्म को BBY ई-पोर्टल पर अपलोड करने के पश्चात Bhavantar Bharpai Yojana के तहत प्रोत्साहन राशि को किसान के आधार कार्ड से लिंक किये गए बैंक अकाउंट में बिक्री के 15 दिनों के अंदर जारी कर दिया जायेगा।
- मंडी में औसत दैनिक थोक मूल्य मंडी बोर्ड के द्वारा चिन्हित की गई मंडियों के दैनिक मोल भाव के आधार पर ही निर्धारित किया जायेगा।
अधिक जानकारी के लिए टॉल फ्री नंबर पर कॉल करें : 1800-180-2060 (9:00 am to 5:00 pm)
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